भगवान विष्णु द्वारा माता सती के शरीर को भिन्न किये जाने पर जहाँ माता सती का ह्रदय गिरा था, वह दिव्या स्थान अम्बाजी शक्ति पीठ के नाम से जाना है| यह 51 शक्ति पीठ में से 7 वां शक्ति पीठ है| अम्बाजी माता मन्दिर, गुजरात, भारत में माँ शक्ति के ५१ शक्तिपीठों में से एक प्रधान पीठ है। यह पालनपुर से लगभग 65 KM,आबू पर्वत से 45 KM,आबू रोड से 20 KM, श्री अमीरगढ़ से 42 KM, कडियाद्रा से 50 KM दूरी पर गुजरात-राजस्थान सीमा पर अरासुर पर्वत पर स्थित है।
अरासुरी अम्बाजी माता मन्दिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, केवल पवित्र श्री यंत्र की ही पूजा मुख्य आराध्य रूप में की जाती है। इस यंत्र को कोई भी सीधे आंखों से देख नहीं सकता एवं इसकी फ़ोटोग्राफ़ी का भी निषेध की गई है। माँ अम्बाजी की मूल पीठस्थल कस्बे में गब्बर पर्वत के शिखर पर है। इस शक्ति पीठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तीर्थयात्रियों का आवागमन वर्ष पर्यन्त लगा रहता है, विशेषकर पूर्णिमा के दिवस। भदर्वी पूर्णिमा (सितम्बर में) के दिन यहाँ बहुत बड़ा मेला लगता है। देश भर से श्रद्धालु यहाँ माँ की पूजा-अर्चना करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये मन्दिर लगभग 1200 वर्ष से अधिक प्राचीन है। इस मंदिर का शिखर 103 फ़ीट ऊंचा है और इस पर 358 स्वर्ण कलश स्थापित हैं।