माघ गुप्त् नवरात्रि को मनोरथ पूर्ण करने वाली नवरात्रि माना जाता है। इस नवरात्रि के महत्वत के बारे में बताया जाता है कि मर्यादा पुरुषोत्ताम श्री राम श्रीराम जब वनवास पर गए थे, तब माघी नवरात्रि में ही मेघनाद ने शक्तिा की साधना करनी चाही थी, जिसे वानरों ने बिगाड़ दिया था। कहते हैं कि अगर उस समय उसकी साधना पूर्ण हो जाती तो निशाचरों का मनोरथ पूर्ण हो जाता।